Graha Shanti Puja (ग्रह शांति पूजा) - Pashupatinathlivedarshan.com

Puja in Pashupatinath Temple

जप अनुसार ब्राह्मण संख्या (वै = वैदिक  ता = तान्त्रिक)

 

नवग्रह शान्ती को लागि ग्रहानुकुल बनाई आफ्ना अप्ठेरा अशान्ति दूर बनाई सहजताको लागि ग्रहहरू प्रशिलन बनाउनका लागि वैदिक तथा तान्त्रिक मन्त्रहरू जप गरि गर्न सकिन्छ । त्यसका लागि प्रत्येक ग्रहका जप संख्या, मन्न, जप गर्न सक्षम ब्राह्मण संख्या र दान गर्नुपर्ने सामग्रीहरु यहाँ उल्लेख गरिएको छ

नोट:- कतै कतै वैदिक मन्त्र जप गर्दा दशांश भन्ने चलन छ ।

 

१. सूर्य ग्रह     वैदिक =२१०००  तान्त्रिक = १५०००

क) जप संख्या = ७,००० (सात हजार)

ख) सूर्य गायजी = ॐ आदित्याय च विद्‌महे प्रभाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोद‌यात्

ग) वैदिक मन्त्र = ॐ आकृष्जेन रजसा च।

घ) तान्त्रीक भन्नु = ॐ घृणी सूर्याय नमः

ङ)  दान सामग्री = मणि, गहुँ, चीनी , कमलको फूल, रक्त चन्दन, रातो कपडा, सुन, तामा, मुगा, केशरी र सम्भव भएसम्म गाई दान ।

च) शान्ती कर्म = दीप, कलश, गणेश, नवग्रह पूजा

छ) ब्राह्मण संख्या = २  (दुई जना)   वैदिक = ३  तान्त्रिक = 2 (जना)

ज) दान गर्ने समय सूर्योदय

 

२. चन्द्र ग्रह  वैदिक = १५०००   तान्त्रिक = १६०००

क) जप संख्या = ११,000 (एघार हजार)

ख) चन्द्र गायत्री= ॐ अमृताह्नाय विद्महे कलाकपाय धीमहि तन्नो सोमः प्रचोदयात्

ग) वैदिक मन्त्र = ॐ इयं देवा असपत्न छ……………. सोमोदस्माकं ब्राह्मणानां छ राजा

घ) तान्त्रिक यन्त्र = ॐ सों सोमाय नमः

ङ)  दान सामग्री = चामल, सेतो कपडा, सेतो चन्दन, सेतो फूल, चाँदि, घ्यू, चिनी शंख, योती, कपूर

च) शान्तो कर्म = दीप, कलश, गणेश, नवग्रह पूजा

छ) ब्राह्मण संख्या = ३ (तीन)     वैदिक = ४   तान्त्रिक = 2 (जना)

ज) दानको समय 3) सन्ध्याकाल

 

अनुरोध

क) गृहशान्ति (शान्तिस्वस्ती) कर्म गर्दा यज्ञ सहित गर्न उत्तम हुन्छ।

ख) प्रत्येक ग्रहहरूको जप पाटको दशांश हवन पनी बताइएको छ।

ग) यज्ञ सहित कर्म गर्दा ब्राह्मणको संख्यामा वृद्धि हुन्छ।

घ) वैदिक वा तान्त्रिक जब गराउँदा पनि ब्राहमण संख्याया घटक हुनेछ ।

 

३.  मंगल (भौम) गृह वैदिक = २१०००  तान्त्रिक = १५०००

क) मंगल जाप संख्या १०,००० (दश हजार)

ख) मंगल गायत्री = ॐ (अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धोमहि तन्नो भौमः प्रचोदया

ग)  वैदिक मन्त्र = ॐ अग्निमूं द्वदिव..

घ) तान्त्रिक मन्त्र = ॐ अं अंगारकाय नमः

रेला ७ सि जिन्वति ।

ङ)  दान सामग्री = मुगा, मुसुरीको दाल, गहुँ, सख्खर, रातो कपडा, रक्तचन्दन, रातो फूल, सुन, तामा, केशरी, कस्तुरी, सम्भव भएमा रातो गोरू ।

च) शान्ति कर्म = दीप, कलश, गणेश नवग्रह पूजा

छ) ब्रह्मण संख्या = २ (दुई जना)   वैदिक = ३  वैदिक = 2 (जना)

ज) दान समय = सूर्योदय पछिको २ घडी

 

४.  बुध ग्रह  वैदिक = २१०००  तान्त्रिक = १५०००

क)  जय संख्या = ८,000 (आठ हजार)

ख) बुध गायत्री = ॐ सौभ्यरूपाय विद्‌महे वाणेशाय च धीमहि तन्नो सौम्य: प्रचोदयात्

ग)  वैदिक मन्त्र = ॐ उद्धृ‌ध्यस्थाचे प्रतिजागृहि ………….. यजमानश्च सीदता ।

घ) तान्त्रिक मन्त्र =  ॐ बुं बुधाय नमः

ङ)  दान सामग्री = काँसको भाँडा, हरियो कपडा, घ्यू, युगा, सुन, धारधार फूलहरू कपूर, भोजन (सिदा) सम्भव भएमा हातीको दाँत |

घ) शान्तिकर्म = दीप, कलश, गणेश नवग्रह पूजा

छ) ब्राह्मण संख्या = २ (दुई जना)   वैदिक = ३  तान्त्रिक = 2 (जना)

ज) दात समय = सूर्योदय देखिको ५ घडी

 

५. बृहस्पति (गुरु) ग्रह  वैदिक = ३५०००  तान्त्रिक = २१०००

जय संख्या = 19,000 (उन्नाईस हजार)

बृहस्पति गायकी =  ॐ अङ्गिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीवः प्रचोदयात्

वैदिक मन्त्र = ॐ बृहस्पतेड अति…….. द्रविणं धेहि चिजम्

तान्त्रिक भन्नु = ॐ बृं बृहस्पतये नमः

दान सामग्री = पहेंलो अन्न, पहेंलो कपडा, पहेंलो फलफूल, सुन, पुष्पराज हलेदो, पुस्तक (धार्मिक) सख्खर छाटा, सम्भव भएमा भूमि (जर्मन)

शान्ति कर्म = दोप, कलश, गणेश नवग्रह पूजा

ब्राह्मण संख्या = ५ (पाच जना)   वैदिक = ७  तान्त्रिक = ३ (जना)

दान समय = सन्ध्याका समय

 

६. शुक्र ग्रह  वैदिक = २४०००  तान्त्रिक = १४०००

क) शुक्र जायख्या = ११,000 (एघार हजार)

ख) शुक्र गायजी = ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात्

ग) वैदिक मन्त्र = ॐ अन्नात्यरितो ……………. पयो मृतं मधु ।

घ) ताविक मत्र = ॐ शुं शुक्राय नमः

ङ)   दान सामग्री = चामल, सेतो चन्दन, सेतो फूल, धेरै रङ, मिसिएको कपडा, चाँदी, हिरा, सुन, घ्यू, दहि, सख्खर, धूप सम्भव

च) शन्तिकर्म = दीप कलश गणेश नकग्रहपूजा भएमा सेतो घोडा र गाई

छ) ब्राह्मण संख्या = ४ (धार जना)  वैदिक = ४  तान्त्रिक = २ (जना)

ज) दान समय = सूर्योदय काल

 

७. शनि ग्रह  वैदिक =३१०००  तान्त्रिक =१९०००

ग्रह Ple

  • जय संख्या = 23,000 (तेइस हजार)

ख) शनि गाधनी = ॐ सूर्यपुत्राय विद्महि मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो सोडि: प्रचोदया

ग) वैदिक मन्त्र =  ॐ शन्नो देवी………………. शंधोरभिः सवन्तुतः

घ) तान्त्रिकमल = ॐ शं शनैश्चराय नमः

ङ) दान सामग्री = कालो कपडा, फलफूल, गहत, फलाम, सुन, जुत्ता, कस्तुरी कालो तिल, मास, तोरीको तेल सम्भव भएमा काली गाई

च) शान्तिकर्म = दीप, कलश, गणेश न्यग्रह पूजा

छ) ब्राध्यान संख्या = (६ जना) ६    वैदिक = ६  तान्त्रिक = ४ (जना)

ज) दान समय = मध्यान्ह (१२ बजे)

 

८. राहु ग्रह वैदिक =२७०००  तान्त्रिक =१७०००

क) जप संख्या = १८,००० (अठार हजार)

ख) शाहु गायजी = ॐ शिरोकाय विद्‌महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात

ग) वैदिक मन्त्र = ॐ कथानारचेज आ……………. क्याशचिष्ठ्या वृता।

घ) तान्त्रिक अन्न = अं रां राहवे नमः ।

ङ)  दान सामग्री =  सप्त धान्या, यास, सुनको नाग नीलोकपडा, कालो फूल, कालो तिल तोरीको तेल, तूरबार, नाङ्गलो, कम्बल, तामा

च) शान्त कर्म = दीप दीप कलश गणेश नवग्रह पूजा

छ) ब्राह्मण संख्या = ५ (पाँच जना)  वैदिक = ५   तान्त्रिक = ३ (जना)

ज) दान समय = शातको मध्यान्ह (92 बजे) मध्यराति

 

९. केतु ग्रह

क)  जप संख्या = ७००० (सत्र हजार)

ख) केतु गायत्री = ॐ पद्यपुत्राय विदमहे अमृतेशाय धीमहि तको केतुः प्रचोदयातर

ग) वैदिक मन्त्र =  केतुङ्‌कृत्वन्न……………. समुष‌द्धि रजायथाः ।

घ) तात्रिक मन्त्र = कें केतवे नमः

ङ) दान सामग्री = कस्तुवी, मास कम्बल, कालो फूल, कालो कपडा 14- कालो तिल, तोडीको तेल, फलाम, हतियार, सुन सम्भव भएमा बोको

च) ब्राह्मण संख्या = ५ (पाँच जना) वैदिक = ५  तान्त्रिक = ३ (जना)

छ) शान्ति कर्म = दीप कलश गणेश नवग्रह पूजा

ज) दान समय रातीको मध्यान्ह (१२ बजे) मध्यरात

 

 

  • त्यस्तै ग्रह जप पूजा पाठ गरेझै ग्रह पत्नी (अष्ट योगिनी को पनि जय पाठको विधान छ।
  • ग्रह तथा योगिनीहरू पूजा गरेको समयमा बूढी सद्री (नवग्रह सुक्तपाठ) विधानले शिव पूजा गरी रुद्री र सप्तशती पाठ पारायण गराउँदामा उत्तम रहन्छ।
  • सम्भव भएसम्म व्यथिति बीजमन्त्र सहि मृत्युञ्जय जय स्वोज पाठ गर्दा गर्दा गुरुहरुको सल्लाह बमोजिम ब्राह्मण संख्या थप गरि गर्न सकिन्छ
  • ग्रह जप, पाठ आदि कर्म गर्दा शक्ति कर्म भनेको (उल्लेख) गरेको ग्रहपूजा विधान इत्यादि गरेर भाज गर्नु पर्दछ।

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